राजस्थानी भाषा व बोलिया भाग -2
- ऐतिहासिक ग्रंथ भक्तमाल के रचयिता हैं - नाभादास नारायण दास
- गीत गोविंद की टीका राग सोरठ व राग गोविंद की रचयिता है - मीराबाई
- लक्ष्मणायण निरंजन प्राण गोगाजी री पेडी बादा रा दूल्हा आदि रचनाएं लिखी - आशानंद बाहरट ने
- गुण रूपक विवेक बार बावनी किसकी रचनाएं हैं - गाडन केशवदास केशवदास की रचनाएं
- हरि रस, हाला झाला की कुंडलियां व देवीयाँण के रचयिता है - ईश्वरदास बाहराट
- वेली क्रिसण रुकमणी री, गंगा लहरी, दशरथ रावण के रचयिता है - पृथ्वीराज राठौड़ (इन्हें डिंगल का होरस भी कहते हैं)
- राम रासौ एवं दशम स्कंध के रचनाकार है - माधवदास दधवाड़िया
- हिंदी साहित्य में अलंकारों के आचार्य जसवंत सिंह राठौड़ का प्रसिद्ध ग्रंथ है - भाषा भूषण
- अकबर के दरबारी कवि दोसा जी आर्डर द्वारा रचित ग्रंथ है - विरुद्ध सुहतरी, करतारी बावनी, श्री कुमार अज्जाजी जी की मुचर मोरी री गजरात
- जोधपुर राज्य का गजेटियर व मुहंता नैणसी री ख्यात किसकी रचना है - मुहणोत नैणसी
- राजपूताने के अबुल फजल नाम से जाने जाते हैं - मुहणोत नैणसी
- राज रूपक ग्रंथ डिंगल भाषा किसकी रचना है - वीरभान रतनु की
- सूरज प्रकाश नामक प्रसिद्ध ग्रंथ किसने लिखा -करणी दान कविया
- राजिया के सोरठे एवं चालकनेची नामक नाटक के रचयिता है - कृपाराम खिड़िया
- जोधपुर के महाराजा मानसिंह ने अपना काव्य गुण किसे बनाया -बांकीदास आशिया
- सुर छत्तीसी, सीह बत्तीसी, दातार बावनी व कर्पण दर्पण आदि ग्रंथों के रचनाकार है - बाकी दास आशिया
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